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Dr.Anil Gaikwad

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Female Sexual Problems Treatments

हाइपोएक्टिव यौन इच्छा विकार / Hypoactive sexual desire disorder

Female Sexual Problem

हाइपोएक्टिव सेक्शुअल डिज़ायर डिसऑर्डर को आसान शब्दों में कहते हैं सेक्स में रूचि कम हो जाना। एचएसडीडी (Hypoactive Sexual Desire Disorder), एक तरह का सेक्शुअल डिसफंक्शन होता है, जिसमें सेक्स की कोई इच्छा नहीं रहती। सेक्स की इच्छा खत्म या फिर कम होने के कई कारण होते हैं जैसे हार्मोन्स में बदलाव, लिबिडो में कमी या फिर कोई बीमारी आदि।

हाइपोएक्टिव सेक्शुअल डिज़ायर डिसऑर्डर, महिला और पुरुष दोनों को होता है। यहां हम बात करेंगे, कि आखिर महिलाओं में सेक्स की इच्छा आखिर कैसे और क्यों कम हो जाती है।

हाइपोएक्टिव यौन इच्छा विकार के लक्षण
जानते हैं हाइपोएक्टिव सेक्शुअल डिज़ायर डिसऑर्डर के मुख्य लक्षणों के बारे मे

  • यौन इच्छा में कमी आना
  • सेक्स के दौरान भी मन का कहीं और लगे रहना
  • ऑर्गेज्म तक ना पहुंचना
  • सेक्स के दौरान भी वैजाइना ड्रायनेस
  • सेक्स से डर क्योंकि सेक्स के दौरान दर्द होने की समस्या होती है
  • किसी भी तरह का कोई यौन रोग का होना
  • सेक्स से संतुष्टि ना मिलना
  • हर समय वीकनेस होना
  • खुद पर विश्वास ना होना

हाइपोएक्टिव सेक्शुअल डिज़ायर डिसऑर्डर के कारण

पार्टनर का इग्नोर करना – कई पुरुष अपनी महिला पार्टनर को हर समय इग्नोर करते हैं, उनकी बातों को ध्यान से सुनना तो दूर वह उन्हें ध्यान से देखते तक नहीं है। कई बार वह ऐसा अपने स्वभाव की वजह से करते हैं तो कई बार अपने काम की वजह से। उनका ऐसा व्यवहार महिलाओं को निराश कर देता है और वह इस बात को दिल से लगा लेती हैं, जिसकी वजह से यौन इच्छा में कमी आ जाती है।

दवाइयां भी करती हैं असर – 
ब्लडप्रेशर की पिल्स, डिप्रेशन की पिल्स या फिर कुछ कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स की वजह से भी यौन इच्छा में कमी आती है। इन दवाइयों के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें और इन्हें चेंज करने के लिए कहें।

कहीं वर्क लोड ज्यादा तो नहीं
कई बार महिलाएं घर और बाहर के कामों में इतना उलझी रहती हैं कि इस वजह से वह सेक्स के बारे में सोच ही नहीं पाती। रात को जब वह थक-हारकर बिस्तर पर आती हैं, तो उन्हें नींद के अलावा कुछ सूझता ही नहीं। अगर आपके साथ भी ऐसा हो रहा है, तो इस वजह को दूर करें। घर के कामों में किसी की मदद लें और रिलैक्स रहें। रात में एक अच्छे मूड के साथ अपने रूम में आएं।

नींद का पूरा ना होना
जो महिलाएं हर रोज़ 7-8 घंटे की नींद लेती हैं उनकी सेक्स लाइफ ठीक रहती है। लेकिन अगर आपकी नींद पूरी नहीं हो रही है और आप हर वक्त थकी हुई सी रहती हैं तो सेक्स में इच्छा कम हो ही जाती है। नींद ना लेना आपकी लिबिडो को कम करने का मुख्य कारण है।

सेक्स के दौरान कॉन्फिडेंस की कमी
आपको सुनने में यह अजीब लग सकता है लेकिन सेक्स करने में कॉन्फिडेंस भी अपनी एक अलग ही भूमिका निभाता है। अगर महिला को लगता है कि वह ढंग से सेक्स नहीं कर पाती है और पार्टनर को संतुष्ट करना तो उसे आता ही नहीं है। ऐसे में उसका विश्वास खुद पर से ही कम हो जाता है और उसे लगता है कि वह यह नही कर पाएगी। ऐसा तब भी होता है जब र्पाटनर ने कभी उसे इस बात का ताना दिया हो और वह बात मन में बैठ गई हो।

एनीमिया भी बनता है वजह
एनीमिया की कमी से शरीर में खून की मात्रा कम हो जाती है और आयरन भी काफी कम हो जाता है। इससे जननांगों तक खून का संचार पर्याप्त मात्रा में नहीं हो पाता, इससे यौन इच्छा प्रभावित होती है।

किसी नशे की शिकार तो नहीं
पुरुष ही नहीं कई महिलाएं भी शराब, धूम्रपान और नशीली दवाओं का सेवन करती हैं। इससे भी सेक्स इच्छा पर असर पड़ता है और सेक्स में रुचि कम हो जाती है।

डायबिटीज़ तो नहीं है
डायबिटीज़ एक ऐसी बीमारी है जिससे ना केवल आप शारीरिक रूप से स्वस्थ महसूस करते हैं बल्कि इसके कारण सेक्स क्षमता और इच्छा दोनों समाप्त होने लगती हैं।

प्रेगनेंसी के बाद सेक्स इच्छा में कमी
डिलीवरी के बाद कुछ महिलाओं में सेक्स के प्रति इच्छा कम हो जाती है। हालांकि, यह बात पूरी तरह से साबित नहीं हुई है। लेकिन, ऐसा माना जाता है कि बच्चे के जन्म के बाद महिलाएं सेक्स को लेकर कम इच्छुक हो जाती हैं।

हार्मोन्स का असंतुलन
कुछ विशेष हार्मोन्स के स्राव के कारण ही आपको यौन संबंध बनाने की इच्छा होती है। अगर इन हार्मोन्स में कुछ गड़बड़ी हो, तो इसका असर आपकी लिबिडो पर पड़ता है। जैसे कि लुटेइनीज़िंग हॉर्मोन की कमी भी सेक्स की इच्छा को कम करती है। इसके अलावा टेस्टोरान का स्तर 20 वर्ष की अवस्था तक ज्यादा रहता है और उसके बाद कम होने लगता है इससे महिलाओं की दिलचस्पी भी सेक्स में कम हो जाती है।

नैचुरल लुब्रिकेंट की कमी
एक उम्र के बाद ज्यादातर महिलाएं इस समस्या का सामना करती हैं। नैचुरल लुब्रिकेंट की कमी में सेक्स के दौरान पेनिट्रेशन काफी पेनफुल हो सकता है।

सेक्स बोरिंग तो नहीं हो गया
सेक्स को करने के अनगिनत तरीके हैं जिनकी वजह से वह रोचक लगता है। लेकिन अगर आप एक ही तरीके से सेक्स करते हैं तो वह एक समय के बाद बोरिंग लगने लगता है, जिसकी वजह से लिबिडो में कमी आती है। ऐसा अक्सर तब होता है जब शादी को कई साल हो जाते है लेकिन ऐसा ना करें बल्कि उसके लिए नए तरीके आजमाएं और एंजॉय करें।

फीमेल सेक्शुअल डिस्फंक्शन
फीमेल सेक्शुअल डिस्फंक्शन एक मेडिकल कंडीशन है, जिसका इलाज करवाना आपके यौन स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। यानी सेक्स के दौरान अगर आपका पार्टनर आपको उत्तेजित करने की कोशिश कर रहा है पर आप नही हो रहीं। ये है फीमेल सेक्शुअल डिस्फंक्शन’। ये किसी भी महिला को कभी भी हो सकता है।

Treatments Of Hypoactive Sexual Desire Disorder - उपचार क्या है?

इसके लिए सबसे पहले अपने डॉक्टर से बात करनी होगी और उन्हें बताना होगा कि सेक्स में रुचि कम होने की समस्या हो रही है। यदि हमेशा से ही आपको सेक्स में कुछ खास इच्छा नही रही है, तो हाइपोएक्टिव सेक्शुअल डिज़ायर डिसऑर्डर की समस्या होना सामान्य है। लेकिन कुछ समय पहले तक ऐसा नहीं था और अचानक से ही यह समस्या हो गई है तो इसका मतलब है कि कोई शारीरिक या मानसिक बीमारी इसके लिए जिम्मेदार हो सकती है।

पेल्विक एरिया की जांच
इस परीक्षण में डॉक्टर पेल्विक एरिया की पूरी जांच करते हैं कि किस वजह से ऐसा हो रहा है। जैसे कि अगर वैजाइना में ड्राइनेस है तो वह क्यों है? कहीं कोई इंफेक्शन तो नहीं है? सेक्स में दर्द क्यों होता है? किसी तरह का कोई डिसचार्ज तो नहीं है? इसके लिए वह बातचीत के द्वारा भी पेशेंट के मन की बात जानने का प्रयास करते हैं और फिर जो भी समस्या होती है उसका उपचार करते हैं।

सेक्सोलॉजिस्ट या साइकोलॉजिस्ट को रैफर
अगर पेल्विक एरिया की जांच सही निकलती है, तो भी वह साइकोलॉजिस्ट से कंसल्ट करने के लिए कहते हैं ताकि इमोशनल रूप से जो भी समस्या है उसका हल निकल सके। अगर पार्टनर के साथ रिश्ते अच्छे नहीं है तो इस विषय पर दोनों से खुलकर बात की जाती है और एक-दूसरे को अपनी बात समझाने और समस्या का हल निकालने का मौका दिया जाता है ताकि सेक्स से जो भी हिचकिचाहट और परेशानी है उसका सुलझ सके। इसके अलावा अगर डिप्रेशन या फिर किसी हादसे के कारण सेक्स को लेकर कोई डर है तो कुछ सेशन के बाद यह डर मन से निकाल दिया जाता है।

शारीरिक जांच भी की जाती है
कई बार हाई कोलेस्ट्रॉल, बीपी, डायबिटीज़, बॉडी में किसी इंफेक्शन के होने पर भी यह समस्या हो जाती है। इसलिए इन सभी के लिए ब्लड टेस्ट आदि किए जाते हैं और समस्या का निदान किया जाता है।

टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी
ब्लड टेस्ट करने के बाद अगर यह पता चल जाता है कि हाइपोएक्टिव यौन इच्छा विकार एंड्रोजन या टेस्टोस्टेरोन की कमी के कारण हुआ है। तो एक टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी की जाती है जिससे यह समस्या ठीक हो जाती है।